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डायरी के अल्फाज़

डायरी के अल्फ़ाज़ बोलते है कभी मुझसे कितनी गहराई है तेरे लफ़्ज़ों में, कितनी सच्चाई है तेरे शब्दो मे।

हमने कहा एक तू ही है जिस में सारे अरमान लिख देता हूं। तू समझ जाती हैं और में खुद को समझा लेता हूं।

बाकी कहा किसी को किसी की परवाह ज़िन्दगी में, बस ज़िन्दगी ज़ी रहे है अपनी अपनी खुदगर्जी में।


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