एक पंक्षी को पिंजरे में कैद कर गये वर्षों तक कहता रहा मुझे छोड़ दो में आजाद हु मुझें आज़ादी से रहने दो। कई वर्षों बाद जब पंक्षी को छोड़ा गया तो पंक्षी बोला अब कोई फर्क नही साहब क़ैद ओर आजाद में मुझे क़ैदी ही रहने दो। TQP
Writer✍️ The brain thinks, the heart feels, the mind says and the hand writes...!!! Quotes, Shayari, Thoughts, Story And Poetry