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Showing posts from December 21, 2020

एक क़ैद पंक्षी ।। HINDI POETRY

एक पंक्षी को पिंजरे में कैद कर गये वर्षों तक कहता रहा मुझे छोड़ दो  में आजाद हु मुझें आज़ादी से रहने दो। कई वर्षों बाद जब पंक्षी को छोड़ा गया तो पंक्षी बोला अब कोई फर्क नही साहब क़ैद ओर आजाद में मुझे क़ैदी ही रहने दो। TQP

मायुस चेहरा किसान

बस ये आँखे नम नही है। गौर से देखें कोई इन आँखों मे गम कई है। में किसान हु साहब आदत सी बन गई है। TQP

में लेखक बनकर। HINDI POETRY

में रात लिखू में दिन लिखू सोच से परे एक सोच लिखू में शुरुआत लिखू में अंत लिखूं में लेखक बनकर हर पल का लेख लिखूं मै एहसास लिखूं जज्बात लिखूं में लेखक बनकर हर एक हालात लिखूं में दर्द लिखूं में खुशी लिखूं हर चेहरे की मायूसी ओर मुस्कान लिखूं में लेखक बनकर जिंदगी की पहचान लिखूं मै आज का अंत ओर कल की शुरुआत लिखू धरती और आसमान की दूरी की बात लिखू मै सागर की गहराई का माप लिखू मै लेखक बनकर हर एक दूरी का हिसाब लिखू TQP