क्या लिखूँ उस फ़रिश्ते के लिए मेरे अल्फ़ाज़ कम पड़ गये है कहते है कि भेजता है भगवान किसी को इंसान के रूप में देवता बनाकर मुसीबत हालातों को संभालने के लिए तुम्हारे कर्म दिखाते है हमें एक परछाई भगवान की तुममें तुम्हारे कर्म को अल्फ़ाज़ों से कैसे बयान करें बस यही दुआ करेंगे कि तुम्हें सलामत रखें रब हमेशा और तुम बनते रहो हौशला, आसरा सभी लाचार, बेबसों का।
Writer✍️ The brain thinks, the heart feels, the mind says and the hand writes...!!! Quotes, Shayari, Thoughts, Story And Poetry
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