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Showing posts from June 29, 2020

माँ

में जब भी सोचता हूं माँ के बारे में तो एक बड़ी यादों के सफर का मंज़र होता है, माँ की ममता, माँ का त्याग, माँ का स्नेह, माँ का प्यार जैसे शब्दों का नाम होता है, माँ तू ख़ुद से नही मुझसे नही तू सारे ज़हान में सबसे निराली है, माँ तुझे शब्दों से कैसे बया कर दू, तू ही तो मुझे शब्दों का मतलब सिखाने वाली है।

नर से नारी का ओर सर से साड़ी का बहुत ही गहरा संबंध है

हर प्यार की शुरुआत दोस्ती से हुआ करती है माना प्यार निभा नही सकतें पर दोस्ती तो निभ सकती है।