दोस्तों ये दौर ऐसा चल रहा है
मौत का मंजर पहर दर पहर बढ़ रहा है
जो भी अपनो से गिले शिकवे है भूला दो
ओर अपनो से कुछ पल मुस्कुराकर बात कर लो
शायद कोई तुमसे बात करके उम्मीद बड़ा दे जीने की
शायद कोई इंतज़ार में हो तुमसे बात करने की
शायद तुम्हें परवाह हो जाये उनके लिए खुद की जान की
शायद उनके अलावा तुम्हारी भी एक तलास पूरी हो जाये
सुकून की।
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