Skip to main content

इंसान बना एक जैसा है।

समझो तो कुछ ऐसा है, की जीवन सबका एक जैसा है।
रंग, रूप, भेद सब एक जैसा है मिट्टी एक ही उपयोग की थी इंसान बनाने में उसने मगर जब इंसान बने तब देखा कि इंसान से इंसान में इतना फर्क क्यों और कैसा है, भगवान ने एक रूप दिया मगर इंसान ने अनेक रूप ओर अनेक भेद कर दिया
अरे काट कर देखो कभी अपने शरीर का कोई भी अंग क्या खून का रंग भिन्न-भिन्न रंग जैसा है,
जब इंसान बना एक जैसा है फिर ये भेद क्यों अनेक रूप जैसा है,
समझो तो कुछ ऐसा है, जीवन सबका एक जैसा है।

ये शरीर पांच तत्व का जीव है वायु, जल, अग्नि, पृथ्वी और आकाश जब इनका कोई भेद नही इंसान में फिर क्यों फर्क करते हो तुम उच्च, नीच, अमीरी,गरीबी, जात और धर्म का इंसान में।


Comments